Thursday, April 10, 2014

मोदी ने अपनी पत्नी को छोर्ड कर सच्चे राम भगत होने का सबूत दिया

जसोदाबेन से शादी को नरेंद्र मोदी ने किया कबूल, दिग्विजय ने किया हमला

जसोदाबेन से शादी को नरेंद्र मोदी ने किया कबूल, दिग्विजय ने किया हमलाज़ी मीडिया ब्यूरो

वड़ोदरा/नई दिल्ली : भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव-2014 के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल अपने हलफनामे में खुद को शादीशुदा बताकर यह खुलासा किया कि उनकी पत्नी का नाम जशोदाबेन है। मोदी के इस खुलासे के साथ ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि क्या मोदी के इस स्वीकारोक्ति के बाद देश की महिलाएं मोदी पर भरोसा कर सकती हैं।

मोदी के शादीशुदा घोषित करने के बाद गुरुवार सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले ट्विट कर नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। दिग्विजय ने अपने पोस्ट में लिखा है, `मोदी ने अपनी वैवाहिक स्थिति को स्वीकार किया है। मोदी की इस स्वीरोक्ति के बाद क्या इस देश की महिलाएं नरेंद्र मोदी पर भरोसा कर सकती हैं जिसने अपनी पत्नी और एक महिला को उसके हक से वंचित किया है? मोदी के खिलाफ वोट दें।`

वड़ोदरा लोकसभा सीट के लिए अपने नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए हलफनामे में मोदी ने पहली बार खुद के शादीशुदा होने की बात कही है। मोदी अभी तक पत्नी के बारे में जानकारी देने वाले कॉलम को खाली छोड़ देते थे। मोदी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में यह कॉलम (पत्नी का) खाली छोड़ दिया था। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने अपनी पत्नी के नाम से संपत्ति की घोषणा किए जाने वाले कॉलम में लिखा था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।

वड़ोदरा जिला चुनाव अधिकारी ने इस हलफनामे को कलक्ट्रेट के डिसप्ले बोर्ड पर बुधवार देर रात में लगाया। गौरतलब है कि कांग्रेस ने कहा था कि मोदी को लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त अपनी वैवाहिक स्थिति पर रूख साफ करना चाहिए।

पत्नी के बारे में बताना भी इसलिए पड़ा कि सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बैंच ने रिसर्जेंट इंडिया बनाम चुनाव आयोग केस WRIT PETITION (CIVIL) NO. 121 OF 2008 में 13 सितंबर, 2013 को साफ फैसला सुना दिया कि चुनाव एफिडेविट में कॉलम खाली नहीं छोड़ सकते. नामांकन रद्द हो जाएगा. यह फैसला न होता तो इस बार भी खाली कॉलम से काम चलाया जाता.
अंतरात्मा नहीं जगी है. मजबूरी थी.
(vi) The candidate must take the minimum effort to explicitly remark as ‘NIL’ or ‘Not Applicable’ or ‘Not known’ in the columns and not to leave the particulars blank.
(vii) Filing of affidavit with blanks will be directly hit by Section 125A(i) of the RP Act However, as the nomination paper itself is rejected by the Returning Officer, we find no reason why the candidate must be again penalized for the same act by prosecuting him/her.
28) The Writ Petition is disposed of with the above directions.
……….…………………………CJI.
(P. SATHASIVAM)
………….…………………………J.
(RANJANA PRAKASH DESAI)
………….…………………………J.
(RANJAN GOGOI)
NEW DELHI;
SEPTEMBER 13, 2013.

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