Manisha Pandey
याद है बचपन में दूरदर्शन पर जो भी हिंदी फिल्में आती थीं, उनमें हिरोइन की सुबह कैसी होती थी? पति पैर पसारकार सो रहा है। पत्नी आती है। कंधों पर धुले हुए गीले बाल लहरा रहे हैं और उसके हाथ में चाय का ट्रे है। पास आकर बड़े लाड़ से पति को उठाती है। पति भी बदले में कुछ मीठी छेड़खानी करता है और फिर बिस्तर पर ही पसरकर चाय पीने लगता है।और आज की फिल्मों की हिरोइनें? शुद्ध देसी रोमांस देखी न? सुबह के आठ बजे हैं। सूरज सिर पर चढ़ आया है और लड़की पैर पसारकर सो रही है। बगल में उसका ब्वॉयफ्रेंड भी है। आंख खुलते ही ब्वॉयफ्रेंड से लड़की का पहला सवाल- तुम बिस्तर ठीक करोगे या चाय बनाओगे। और हां, जाओ जाकर पहले सिगरेट लेकर आओ।
गुड न। दुनिया बदल रही है। अब लड़कियां सुबह-सुबह चाय बनाकर पति-प्रेमी की सेवा में हाजिर करने को तैयार नहीं। चाय पीनी है तो बनानी पड़ेगी। चाय बनाओ, खुद भी पियो, हमें भी पिलाओ। नहीं तो तेल लेने जाओ।
चाय अंग्रेजों ने भारतीय जनमानस को सिखाया | यह स्वास्थ्य के लिये बहुत हीं घातक है | हर हर महादेव
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