Tuesday, April 2, 2013

बच्‍चा औरत पैदा करेगी, ये प्रकृति ने तय किया है


Manisha Pandey
लोग कभी-कभी ऐसे तर्क देते हैं कि लगता है कि या तो अपने सिर के बाल नोच लूं या उन्‍हीं को गंजा कर दूं।
एक जनाब कहने लगे कि तुम लोग जितनी बराबरी की बातें कर रही हो, उसके हिसाब से तो तुम लोग बच्‍चा भी आदमी से ही पैदा करवाओगी। तुम क्‍या प्रकृति के नियमों को उलट देना चाहती हो। बच्‍चा तो तुम लोग ही पैदा करोगी न।
ओहो। क्‍या दहला मारा है। हम क्‍या युगांडा की भाषा बोल रहे हैं, जो आपको समझ में नहीं आ रही। प्रकृति के नियमों को उलटने जैसी वाहयात बात कही किसने। हमने तो नहीं कही। आप ही के कान में बज रही है। या शायद आपके मर्दवादी सबकॉन्‍शस में बज रही है। आपको लगा कि यहीं लाकर पटखनी देते हैं। इन जनाब, उन जनाब और ऐसे तमाम जनाबों से मेरा सवाल है कि- बच्‍चा औरत पैदा करेगी, ये प्रकृति ने तय किया है। उसे अपने खून से सीचेंगी, ये भी प्रकृति ने तय किया है। लेकिन क्‍या-
1- बच्‍चे की टट्टी हमेशा मां ही साफ करेगी, ये प्रकृति ने तय किया है।
2- उसके पोतड़े वही धोएगी, ये प्रकृति ने तय किया है।
3- उसके लिए रात-रात भर जागेगी, उसे टहलाएगी, सुलाएगी, नहलाएगी, मालिश करेगी, उसका ख्‍याल करेगी, उसे पालेगी, ये सब प्रकृति ने तय किया है।
4- वही बच्‍चे के लिए नौकरी छोड़कर घर बैठेगी, अपना कॅरियर, काम, सबकुछ दांव पर लगा देगी, ये प्रकृति ने तय किया है।
5- बच्‍चा बीमार होगा तो ऑफिस से छुट्टी वही लेगी, ये प्रकृति ने तय किया है।
6- बड़े होने पर उसे पढ़ाएगी, उसका होमवर्क कराएगी, ये प्रकृति ने तय किया है।
7- उसका मनपसंद खाना वही बनाकर खिलाएगी, ये प्रकृति ने तय किया है।
8- उसके कपड़े वही धोएगी, उसका खिलौना, बस्‍ता, जूता, सब वही संभालकर रखेगी, ये प्रकृति ने तय किया है।
9- पूरी जिंदगी बच्‍चे पालने के लिए औरत ही होम करेगी, ये नियम क्‍या प्रकृति ने बनाया है।
किस प्रकृति का हवाला दे रहे हैं आप। प्रकृति के खिलाफ कोई नहीं है। अपने लिए इंसानी हक, आजादी और बराबरी की मांग करने वाली कोई भी औरत नहीं। हम तो आपके बनाए इस सिस्‍टम के खिलाफ हैं। प्रकृति की आड़ में आप जिस तरह से हमारी जिंदगी पर अपनी नकेल कसना चाहते हैं, उसके खिलाफ हैं। हम आपके श्रेष्‍ठता बोध के खिलाफ हैं। बच्‍चे के लिए सारी कुर्बानियां हमसे करवाकर खुद फोकट में बाप बनकर आप जो इतराना चाहते हैं, उसके खिलाफ हैं।
हम न प्रकृति के खिलाफ हैं और न बच्‍चे के खिलाफ।

1 comment:

  1. पती और पत्नी एक सिक्के के दो पहलु हैं...लेकिन इसके बवजुद बच्चों को मां का एहसास,स्नेह,प्तार ज्यादा अच्छा लगता है...शायद इसीलिए उसकी जुबान से पहला शब्द मां ही निकलता है...महसुस करें...पता चल जाएगा कि मां को क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए...।।।

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