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ढांड (मल्होत्रा): पबनावा
में प्रेम प्रसंग को लेकर हुए विवाद के चलते दलित बस्ती में नेता व
सामाजिक कार्यकत्र्ता दलितों के जख्मों पर मरहम लगाने आ रहे हैं। मुख्य
संसदीय सचिव सुल्तान जडौला व पूर्व मंत्री नरेंद्र शर्मा ने दलित बस्ती का
दौरा किया और घरों के अंदर जाकर हुए नुक्सान का जायजा लिया। उधर, दलितों का
कहना है कि वे किसी भी सूरत में गांव को छोड़कर नहीं जाएंगे।
उनकी मांग है कि गांव में पहले की तरह शांति स्थापित हो और सरकार, प्रशासन व कमेटी उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ले। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अन्याय होते हैं तो उसका विरोध करेंगे। दलितों का कहना है कि विवाद के बाद उनके पास कोई काम न होने के कारण परिवार का गुजर बसर करने की मुश्किलें पनप गई हैं। सरकार व प्रशासन को चाहिए की समय रहते दलितों को काम दिलाएं।
बस्ती में पीने के पानी की खराब मोटरें व बिजली की लाइन भी ठीक करवा दी गई हैं और साथ में खाने-पीने का भी प्रबंध किया गया है। दलित बस्ती में आज हालात सामान्य बने हुए थे। हां दलितों के चेहरों पर डर का माहौल आज भी बना हुआ था। पुलिस बल की गांव में निरंतर गश्त जारी है। गांव में गठित सवर्ण कमेटी के सदस्यों ने दलितों को आश्वासन दिया कि वे उनके साथ हैं और उनकी हर संभव सहायता व सहयोग किया जाएगा।
यही नहीं नुक्सान की भरपाई भी की जाएगी। गांव से पुलिस सुरक्षा जाने के बाद भी 200 लोगों का समूह दलितों की रक्षा व सुरक्षा के लिए कमेटी द्वारा तैनात किया जाएगा। गांव में हुए विवाद को समाप्त करने के लिए सवर्णों व दलितों द्वारा गठित कमेटी की बैठकों का दौर लगातार जारी है।
प्रशासन ने करवाया नुक्सान का सर्वे
दलित बस्ती में हुए नुक्सान का जिला प्रशासन द्वारा एक कानूनगो व पटवारी से सर्वे करवाया गया है जिसकी रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को सौंप दी गई है। सर्वे टीम ने 49 मकानों का सर्वे किया जिसमें घरों के अंदर व बाहर हुई तोडफ़ोड़ का उल्लेख किया गया है। घटना में लगभग 8 लाख रुपए का नुक्सान होने की बात कही गई है।
उनकी मांग है कि गांव में पहले की तरह शांति स्थापित हो और सरकार, प्रशासन व कमेटी उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ले। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अन्याय होते हैं तो उसका विरोध करेंगे। दलितों का कहना है कि विवाद के बाद उनके पास कोई काम न होने के कारण परिवार का गुजर बसर करने की मुश्किलें पनप गई हैं। सरकार व प्रशासन को चाहिए की समय रहते दलितों को काम दिलाएं।
बस्ती में पीने के पानी की खराब मोटरें व बिजली की लाइन भी ठीक करवा दी गई हैं और साथ में खाने-पीने का भी प्रबंध किया गया है। दलित बस्ती में आज हालात सामान्य बने हुए थे। हां दलितों के चेहरों पर डर का माहौल आज भी बना हुआ था। पुलिस बल की गांव में निरंतर गश्त जारी है। गांव में गठित सवर्ण कमेटी के सदस्यों ने दलितों को आश्वासन दिया कि वे उनके साथ हैं और उनकी हर संभव सहायता व सहयोग किया जाएगा।
यही नहीं नुक्सान की भरपाई भी की जाएगी। गांव से पुलिस सुरक्षा जाने के बाद भी 200 लोगों का समूह दलितों की रक्षा व सुरक्षा के लिए कमेटी द्वारा तैनात किया जाएगा। गांव में हुए विवाद को समाप्त करने के लिए सवर्णों व दलितों द्वारा गठित कमेटी की बैठकों का दौर लगातार जारी है।
प्रशासन ने करवाया नुक्सान का सर्वे
दलित बस्ती में हुए नुक्सान का जिला प्रशासन द्वारा एक कानूनगो व पटवारी से सर्वे करवाया गया है जिसकी रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को सौंप दी गई है। सर्वे टीम ने 49 मकानों का सर्वे किया जिसमें घरों के अंदर व बाहर हुई तोडफ़ोड़ का उल्लेख किया गया है। घटना में लगभग 8 लाख रुपए का नुक्सान होने की बात कही गई है।
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