Dilip C Mandal
दिल्ली यूनिवर्सिटी का Four Year Undergraduate Programme (FYUP) इंटनरल एसेसमेंट पर बहुत ज्यादा जोर देता है. DU के जातिवादी मास्टर ढेर सारी आत्महत्याओं की वजह बनने का दम-खम रखते हैं. इसलिए सतर्क रहें.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर दिनेश सिंह गांधीवादी दर्शन को मानते हैं. यह उनका अपना क्लेम है. इसलिए वे वर्ण व्यवस्था के अनुरूप कार्य कर रहे हैं, तो यह महान गांधीवादी परंपरा के अनुकूल ही है. सवाल यह है कि क्या 2013 का भारत उन्हें चार साल का कोर्स लागू करने की इजाजत देगा. http://www.du.ac.in/index.php?id=270&fmember=2906
दिल्ली यूनिवर्सिटी में 4 साल का ग्रेजुएशन SC-ST-OBC विरोधी इसलिए है क्योंकि इसमें दूसरे और तीसरे साल ज्यादातर छात्रों के EXIT का प्लान है. DU में मास्टरों की नियुक्ति में कोटा न के बराबर लागू हुआ है और यहां की फेकल्टी घनघोर जातिवाद के लिए देश भर में कुख्यात है. इसलिए यहां का एक्जिट प्लान किस रूप में लागू होगा, इसकी कल्पना करना कठिन नहीं है. यहां छात्रों का भविष्य शिक्षकों के हवाले करना खतरनाक होगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी का Four Year Undergraduate Programme (FYUP) इंटनरल एसेसमेंट पर बहुत ज्यादा जोर देता है. DU के जातिवादी मास्टर ढेर सारी आत्महत्याओं की वजह बनने का दम-खम रखते हैं. इसलिए सतर्क रहें.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर दिनेश सिंह गांधीवादी दर्शन को मानते हैं. यह उनका अपना क्लेम है. इसलिए वे वर्ण व्यवस्था के अनुरूप कार्य कर रहे हैं, तो यह महान गांधीवादी परंपरा के अनुकूल ही है. सवाल यह है कि क्या 2013 का भारत उन्हें चार साल का कोर्स लागू करने की इजाजत देगा. http://www.du.ac.in/index.php?id=270&fmember=2906
दिल्ली यूनिवर्सिटी में 4 साल का ग्रेजुएशन SC-ST-OBC विरोधी इसलिए है क्योंकि इसमें दूसरे और तीसरे साल ज्यादातर छात्रों के EXIT का प्लान है. DU में मास्टरों की नियुक्ति में कोटा न के बराबर लागू हुआ है और यहां की फेकल्टी घनघोर जातिवाद के लिए देश भर में कुख्यात है. इसलिए यहां का एक्जिट प्लान किस रूप में लागू होगा, इसकी कल्पना करना कठिन नहीं है. यहां छात्रों का भविष्य शिक्षकों के हवाले करना खतरनाक होगा.
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