Friday, June 8, 2012

गांधी का अपमान करने पर एफआईआर और बाबा साहब का अपमान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता


Satyendra Murli (Satyendra Humanist)

अच्छा है कि यह बहस हो रही है. यह लंबे समय से पेंडिंग थी और पेंडिंग रहने से कोई भला नहीं हो रहा था. कुछ सवालों से सामने से टकराना होता है.
"अम्बेडकर को कोड़े मारते हुए कार्टून" के साथ भारत-सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRDM) एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) लगभग 6 वर्षों से, नाबालिग (18 वर्ष से कम) बच्चों को परोसते आ रहे हैं...अम्बेडकरवादियों की भावनाएं आहत हुईं, विरोध हुआ...किन्तु सरकार के अधिकांश लोग, सवर्ण-बुद्दिजीवी एवं भारतीय सवर्ण-मीडिया इसे "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" के अंतर्गत जायज ठहराता रहा...हाल ही में "सत्येन्द्र मुरली" (पत्रकार) द्वारा इंटरनेट पर पहले से ही उपलब्ध मोहनदास करमचंद गांधी का कार्टून फेसबुक पर शेयर किया गया...फेसबुक पर सभी 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग हैं...अब गांधी के कार्टून से गांधीवादियों की भावना आहत हुई है...इस पर, जयपुर पुलिस कमिश्नर बी.एल.सोनी से मिलकर सत्येन्द्र मुरली के खिलाफ कार्यवाही कर गिफ्तार करने की मांग की है..."कमिश्नर के निर्देश पर" पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया...कमिश्नर ने डीसीपी को जांच के आदेश दिए हैं...सत्ता-दल पार्टी कोंग्रेस के कार्यकर्ता ने महेश नगर थाना, जयपुर में पुलिस-शिकायत दर्ज करवाई है...साथ ही सवर्ण-मीडिया ने मुझे मानसिक-विकृत एवं अश्लील व्यक्ति दिखाया है...सवर्ण-मीडिया ने मेरे विचार जानने की ना तो कोशिश की और ना ही जरुरी समझा...आप दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, ई-टीवी जैसे माध्यमों में इस खबर को देखकर इस बात की पुष्टि कर सकते हैं...!

अब बात यही से शुरू होती है...क्या अम्बेडकरवादियों की भावनाओं का कोई मूल्य नहीं...??? सत्येन्द्र मुरली, जयपुर के विभिन्न थानों में NCERT, HRD MINISTRY के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के लिए घूमता रहा, किन्तु कहीं कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई...क्यूंकि यह एक दलित की भावनाएं थी...अब गांधी समर्थकों की भावनायों को इतनी तबज्जो क्यूँ...??? दोनों कार्टूनों के लिए दो अलग पैमाने क्यूँ...??? क्या इस देश में दलित होना आज भी गुनाह है...??? संविधान में 19 A के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है...जिसका अनुशासनात्मक प्रयोग में भली-भांति जानता हूँ, किन्तु देश में अपनाए जा रहे दोहरे पैमानों की ओर आकर्षित करने की मेरी कोशिश भर है...चाहो तो जेल में डालो या गोली मार दो...अब सच की राह नहीं छोड़ सकता...जय बाबा साहेब...जय भारत-राष्ट्र !!




जयपुर। एनसीईआरटी की 11 वीं किताब में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के आपत्तिजनक कार्टून को हटाए कुछ ही दिन हुए हैं कि अब मशहूर सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आपत्तिजनक कार्टून अपलोड किए जाने की खबर से हंगामा खड़ा हो गया है।
युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता लोकेश शर्मा ने जयपुर पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी से शिकायत कर बताया कि सत्येन्द्र मुरली नाम के एक व्यक्ति के अकाउंट पर बापू के आपत्तिजनक कार्टून अपलोड किए गए हैं। उसके अकाउंट पर महात्मा गांधी को स्त्री भोगी करार दिया गया है।
कार्टून में बापू को स्त्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिखाया गया है। कार्टून पर लोगों से प्रतिक्रियाएं मांगी जा रही है। लोकेश शर्मा ने पुलिस कमिश्नर से मामले की जांच करवाने और कार्रवाई की मांग की है। सोनी ने मामले को गंभीर मानते हुए डीसीपी साउथ को मामले की जांच करने को कहा है।


नई दिल्ली।
आए दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर कभी किताबों और कभी किसी प्रोडक्ट के जरिए अनर्गल बातों और आरोप लगाने वालों को देशद्रोह के जुर्म में जेल जाना पड़ सकता है।

केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाने जा रही है जिसके तहत राष्ट्रपिता की मानहानि करने को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा।
विधि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने विधि मंत्रालय को राष्ट्र सम्मान विधेयक 1971 के तहत संशोधन करने को कहा है जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध अपमानजनक बातों को देशद्रोह माना जाएगा। इस नए कानून के तहत वे सभी धाराएं और प्रावधान शामिल होंगे जो संव�धान और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर लागू होती है। केंद्र सरकार ने यह निर्णय हाल ही में आई विदेशी लेखक लेवेल्ड की किताब में महात्मा गांधी के विषय में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद लिया है। यदि राष्ट्रध्वज को जलाने, अपमानित करने पर जिस प्रकार तीन साल की सजा का प्रावधान है उसी प्रकार महात्मा गांधी की तस्वीरों और अनर्गल बातों पर भी सजा का प्रावधान होगा।
केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि महात्मा गांधी न सिर्फ देश के राष्ट्रपिता है बल्कि दुनियाभर में अपने त्याग और संघर्ष के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ की गई किसी भी अपमानजनक टिप्पणी पर कार्यवाही होनी चाहिए। गौरतलब है कि 2009 में सर्वोच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें गांधी के सम्मान को अनिवार्य करने की बात कही गई थी।
http://www.merikhabar.com/News/%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B9_%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BE_N39767.html


फेसबुक पर हो रहा है गाँधी का अपमान
07-06-2012
जयपुर

सोशल नेट्वर्किंग साईट फेस बुक के ज़रिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आपत्तिजनक तसवीरें और लेख के प्रचारित करने का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है. मामला राजस्थान की राजधानी जयपुर का है जहाँ इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत शहर पुलिस कमिश्नरेट से की है.

शिकायतकर्ता का आरोप है की फेसबुक पर एक शख्स ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आपत्तिजनक कार्टून के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए इसे सार्वजनिक किया है. शिकायतकर्ता का आरोप है की किसी मानसिक विकृति वाले शख्स की इस हरकत से उनकी भावानाओं को ठेस पहुंची है. वहीँ इसके जरिये महात्मा गांधी की प्रतिष्ठा तो धूमिल की ही गयी है, साथ ही समाज में विद्वेष बढ़ाने, लोगों को गलत ढंग से उकसाने, लोगों को विचार-समूहों और अन्य आधारों पर बांटने का प्रयास भी किया गया है.सोशल नेट्वर्किंग साईट फेस बुक के ज़रिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आपत्तिजनक तसवीरें और लेख के प्रचारित करने का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है.

शिकायत में ये भी दलील दी गई है की महात्मा गांधी हिंदुस्तान के राष्ट्रपिता हैं जिन्हें देश आदर और संवैधानिक मान्यता देता है. वे विश्वशांति और अहिंसा के आदर्श हैं इसलिए ऐसे महापुरूष के बारे में इस प्रकार के कथन और तसवीरें अपराध और सार्वजनिक अपमान की श्रेणी में आते हैं. शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच के निर्देश भी दे दिए है. http://www.999rajasthan.com/main_desc.aspx?id=5990S56

1 comment:

  1. ab jarurat hai ki ham sab Babasahab ke marg par chalnewale ek jagah ho jaye aur inhe dikha de ki hum kya hai.

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