Thursday, December 29, 2011

“बांझ औरत क्या जाने प्रसव की पीड़ा” अन्ना

अन्ना ने अपने भाषण के दौरान कहावतो और जुमलो के इस्तेमाल में महिलाओ को भी नहीं बक्शा और उन्होंने महिलाओ के सन्दर्भ में एक ऐसे टिप्पणी की जिसे लेकर महिलाओ में खासी नाराज़गी है | कल अन्ना ने अपना अनशन तोड़ने के समय दिए गए अपने भाषण में कहा कि  ”बांझ औरत क्या जाने प्रसव की पीड़ा क्या है? ” अन्ना के इस तरह के ओछे विचारो से उन कुसंगातियो को बल मिलता है जहाँ महिलाओ को किसी कारणवश  बच्चे को जन्म न देने के लिए पूरी जिंदगी कोसा जाता है तथा उनका सामाजिक तौर पर बहिष्कार और अपमान होता है |
अन्ना के इस बयान पर राष्ट्र कवि प्रदीप की बेटी मितुल प्रदीप ने आपत्ति जताई है। उन्होंने अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी बहुत से परिवार में वे महिलाओं शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित की जाती हैं, जो किसी वजह से बच्चों को जन्म नहीं दे पाती हैं। ऐसे गंभीर मसले पर अन्ना द्वारा टिप्पणी करना ऐसी बेटियों और बहूयों की प्रताड़ना को प्रत्साहन देने वाला है। मितुल प्रदीप ने लगे हाथ अन्ना को स्वयं घोषित गांधी करार दिया है।

1 comment:

  1. आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete