Saturday, October 29, 2011

Free download .........सम्पूर्ण वाल्मीकि रामयण संस्कृति से हिंदी में

8 comments:

  1. अरे ये कैसा गजब है अभी कुछ दिन पहले तो जब मैंने जय श्रीराम/ राम-राम जी कहा था तो तुम्हे बडा कष्ट हुआ था जैसे कि तुम सनातन धर्म/हिन्दू ना होकर इसाई हो, व बदले में तुमने ये तक कह दिया था कि राम नाम की गाली ना दो, फ़िर मैंने कहा था कि राम-राम गया तेल लेने, लेकिन आज क्या हुआ, आज तेल लेने वाली लाईन में तुहारा नम्बर कैसे आ गया है? ये प्रचार कैसा?

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    1. u r always saying nonsense kabhi dhang ki baat bhi kar liya karo sandip oh sorry devta jaat devta

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  2. संदीप जी .....जरा आप उत्तरकाण्ड भाग 10 पड़े आप के सामने राम का असली चेहरा सामने आ जएगा.

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  3. संदीप जी ........राम के जातिवादी और स्त्रीविरोधी चेहरे को सामने लाने के मैंने वाल्मीकि रामायण का लिंक एड किया है.

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  4. आज की सच्चाई ये है की खुद दलित ही दलित के साथ भेदभाव कर रहा है।

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    1. सही कहा आपने दलित ही दलित से भेदभाव कर रहा हैं ओर इसका फायदा कोई तीसरा उठा रहा है लेकिन वो भूल रहे है की चाहे वो कितना भी भेदभाव करले खुद भी हमेशा दलित रहेंगे

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  5. मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम ऐसे ही एक महापुरुष के जन्मकाल के समय पर जो लाखो वर्षो से भारतीय जनमानस ही नहीं अपितु दुनिया के सभी मनुष्यो के लिए एक आदर्श रहा है, एक ऐसा मनुष्य जो पुत्र, पति, भाई, मित्र यहाँ तक की एक शत्रु के लिए भी आदर्श बन गया। आज हम ऐसे आदर्श श्री राम के जन्म काल गणना पर विचार करेंगे।
    यज्ञ की समाप्ति के पश्चात् 6 ऋतुएं बीत गईं, तब बारहवें मास चैत्र के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र एवं कर्क लग्न में कौशल्या देवी ने दिव्य लक्षणों से युक्त श्रीराम को जन्म दिया। उस समय पांच ग्रह अपने-अपने उच्च स्थानों पर विद्यमान थे। ऋषि वाल्मीकि ने अपनी रामायण में इस प्रकार की ग्रह स्थिति में श्री राम के जन्म का उल्लेख किया है –
    सूर्य, मंगल, शनि, बृहस्पति, शुक्र ग्रह मेष मकर तुला कर्क मीन में थे। चैत्र के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि श्री राम की जन्मतिथि होने से अब रामनवमी के नाम से प्रसिद्ध है।
    इतना तो सिद्ध है, ग्यारह लाख, छियानवे हजार एक सौ सौलह वर्ष तो श्री राम के जन्म हुए कम से कम हो ही चुके हैं। अभी हाल में ही अमेरिका के एक खोजी उपग्रह ने श्री रामेश्वरम से श्री लंका तक श्रीराम द्वारा बनाए गए त्रेतायुग के पुल को 17.5 लाख वर्ष पुराना माना है।

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