Saturday, April 23, 2011

गाँधी ने सत्ता दलितों के हाथो नहीं आने दी


‎1946 में लार्ड विवेल गवर्नर जनरल थे और अंग्रेजो की यह अधिकृत निति थी की जब कभी हम भारत से जानेंगे तब सता का हस्तांतरण तीन हिस्सों में होगा एक हिन्दू, एक मुस्लमान , एक अनुसूचित जाती और जनजाति के लोगो के लिए.जब सविधान का ड्राफ्ट तयार किया ज...ाएगा तब ड्राफ्ट में ही इस बात को सामिल किया जाएगा. इसलिए जब 17 अगस्त 1932 को जब कोमुनिअल अवार्ड घोषित हुआ तब अंग्रेजो ने इसे मान्यता दी. अंग्रेजो ने 17 अगस्त 1932 को दी हुई मान्यता के संधर्ब में लोर्ड वेवेल ने 1946 में रेडिओ पर भासन दिया जिसे गाँधी ने सुना और इसके विरोध में वेवेल को एक telegrafh भेजा था. इस संबंद में बाबा साहिब काफी जागृत थे. गाँधी के द्वारा भेजे गुए telegraph भासन की एक कॉपी बाबा साहिब को उपलभ उही. उन्होंने इसे अपनी पुस्तक " What congress and Gandhi have done to the untouchable"

लोर्ड विवेल के बाद लोर्ड Mountbatton भारत आया. और गाँधी ने mountbatton से सामने ये शर्त रही की वो पाकिस्तान का समर्थन तब करेंगे और जब वो भारत को तीन में नहीं(हिन्दू, मुलमान , दलित ) sirf दो हिस्सों (हिन्दू और मुसलमानों में) बाटेंगे

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