Monday, September 19, 2011

लालू राबड़ी देवी के मुकाबले 700% लंबा-चौड़ा है नीतीश कुमार का चांदी का जूता, जिससे वे मीडिया को कंट्रोल करते हैं!!


सोजन्य से दलीप मंडल 
छवि निर्माण का अर्थशास्त्र: लालू-राबड़ी देवी बनाम नीतीश
विज्ञापन खर्च में पिछले शासन के मुकाबले 700% की बढ़ोतरी!!! 
वित्तीय वर्ष            बिहार में मीडिया को दिए गए विज्ञापन पर खर्च (करोड़ रु)
2001-02             2.32 लालू-राबड़ी देवी
2002-03             4.49 लालू-राबड़ी देवी
2003-04             4.12 लालू-राबड़ी देवी
2004-05             4.99 लालू-राबड़ी देवी
2005-06             4.49 लालू-राबड़ी देवी(नीतीश कुमार नवंबर 2005 में CM बने)
2006-07             5.40 नीतीश कुमार
2007-08             9.65 नीतीश कुमार
2008-09             27.52 नीतीश कुमार
2009-10             34.59 नीतीश कुमार (विधानसभा चुनाव की तैयारी का साल) 
2010-11             28.52 नीतीश कुमार (नवंबर में विधानसभा चुनाव हुए)

वर्ष 2010-11 में कुछ अखबारों को दिए गए विज्ञापन लाभ का ब्यौरा

दैनिक हिंदुस्तान – 10.12 करोड़ (लालू-राबड़ी देवी शासन काल के आखिरी वर्ष में किए गए कुल सालाना विज्ञापन खर्च से रकम दोगुनी है।
दैनिक जागरण- 5.33 करोड़ (लालू-राबड़ी देवी शासन काल के आखिरी वर्ष के कुल सालाना विज्ञापन खर्च से ज्यादा है यह रकम)
आज-1.30 करोड़
प्रभात खबर- 1.10 करोड़
टाइम्स ऑफ इंडिया- ईटी- 1.13 करोड़
कौमी तंजीम- 98 लाख
फारूखी तंजीम- 62 लाख
ईटीवी-1.05 करोड़
महुआ टीवी- 98 लाख


स्रोत – RTI 39/11-1542 सू.ज.स.वि. बिहार सरकार, पटना, दिनांक – 10 जून, 2011
प्रश्नकर्ता- श्री अरुण कुमार, शोध छात्र, जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय (ऑल इंडिया बैकवर्ड स्टूडेंट्स फोरम)

अब इसके साथ इस तथ्य को जोड़िए कि बिहार में हिंदी और इंग्लिश के सबसे बड़े अखबार 'दैनिक हिंदुस्तान' और 'हिंदुस्तान टाइम्स' को चलाने वाली कंपनी HT Media के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में नीतीश की पार्टी JD-U के सांसद एन के सिंह हैं। मालिकों के बोर्ड में अगर JD-U का सांसद होगा तो हिंदुस्तान अखबार का पत्रकार क्या खाकर पत्रकारीय स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और निष्पक्ष पत्रकारिता की सोचेगा। नौकरी करनी है या नहीं?  

6 comments:

  1. शानदार खबर। धन्यवाद इस पर्दाफाश के लिए।

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  2. भई वाह. तभी कहूँ मीडिया केवल लालू के पीछे क्यों पड़ा रहता है. शायद उसे याद दिलाता रहता है कि देखो तुम तो मात्र हँसने की चीज़ हो. तुमने कुछ नहीं दिया था. नितीश कितने अच्छे राजनीतिज्ञ और मुख्य मंत्री हैं.

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  3. जमाना प्रचार का है.

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  4. Another good expose link about Bihar Media
    http://jaisudhir.blogspot.com/2011/06/blog-post_13.html

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  5. तभी तो कहता हूँ इस मीडिया को भी RTI और लोकपाल के अंदर लाना चाहिए .......

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  6. जनमत निर्माण में इसी तरह मीडिया के कार्पोरेट समूहों की एकपक्षीयता हावी होती जा रही है...सत्ता के साथ मिलकर जम कर दोहन किया जा रहा है...

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