Updated on: Thu, 16 Aug 2012 08:35 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च जातियों के लिए गठित सवर्ण आयोग को गंभीरता एवं सक्रियता से काम करने की सलाह दी है। गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डीके त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात की। करीब एक घंटे चली वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने आयोग के अब तक के कामकाज की समीक्षा की। और अधिकारियों को आयोग की परेशानियों को दूर करने का निर्देश दिया। मुलाकात के दौरान आयोग के सदस्य नरेंद्र कुमार सिंह, मो.अब्बास फरहत, संजय मयूख एवं मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार तथा डा. एस सिद्धार्थ मौजूद थे।
बैठक के बाद आयोग के सदस्य नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि मैं बिहार का समावेशी विकास चाहता हूं। समतामूलक, समरस समाज की स्थापना के लिए इस आयोग का गठन किया गया है। इस क्रम में कोई बच्चा निरक्षर न रहे, इसकी चिंता तो मैं खुद कर ही रहा हूं आयोग भी इसकी जानकारी प्राप्त करे। उन्होंने कहा कि मेधावी छात्रों की मेधा कुंठित न हो। गांव से लेकर राजधानी तक राज्य के लिए आयोग लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में विलंब काम करे। आर्थिक एवं शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े उच्च जातियों के लोगों की अविलंब पहचान कर आयोग उनके पिछड़ेपन को दूर करने की कार्रवाई करे।
http://www.jagran.com/bihar/patna-city-9572079.html
जागरण ब्यूरो, पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च जातियों के लिए गठित सवर्ण आयोग को गंभीरता एवं सक्रियता से काम करने की सलाह दी है। गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डीके त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात की। करीब एक घंटे चली वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने आयोग के अब तक के कामकाज की समीक्षा की। और अधिकारियों को आयोग की परेशानियों को दूर करने का निर्देश दिया। मुलाकात के दौरान आयोग के सदस्य नरेंद्र कुमार सिंह, मो.अब्बास फरहत, संजय मयूख एवं मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार तथा डा. एस सिद्धार्थ मौजूद थे।
बैठक के बाद आयोग के सदस्य नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि मैं बिहार का समावेशी विकास चाहता हूं। समतामूलक, समरस समाज की स्थापना के लिए इस आयोग का गठन किया गया है। इस क्रम में कोई बच्चा निरक्षर न रहे, इसकी चिंता तो मैं खुद कर ही रहा हूं आयोग भी इसकी जानकारी प्राप्त करे। उन्होंने कहा कि मेधावी छात्रों की मेधा कुंठित न हो। गांव से लेकर राजधानी तक राज्य के लिए आयोग लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में विलंब काम करे। आर्थिक एवं शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े उच्च जातियों के लोगों की अविलंब पहचान कर आयोग उनके पिछड़ेपन को दूर करने की कार्रवाई करे।
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