Saturday, June 9, 2012

मार्केट में जाति- वैदिक काल से चमड़िया ब्रांड तक



मार्केट में जाति- वैदिक काल से चमड़िया ब्रांड तक

यहां पर चार तस्वीरें हैं। एक तस्वीर में पं अमरपाल शर्मा ब्राह्मणों के नेता बन गए हैं। मैं जहां रहता हूं उस मोहल्ले में और ठीक इसी जगह पर जहां उनकी परशुराम सम्मेलन वाली होर्डिंग लगी है, कई नीली होर्डिंग देखे हैं। तब बसपा का राज था। अमरपाल शर्मा को बसपा ने टिकट भी दिया था। शर्मा सर्वजन सरकार का नारा मायावती की तस्वीरों के साथ होर्डिंग में लगाते दिखते थे। सरकार जाने के बाद ब्राह्मणवाद का दामन पकड़ लिया है। जैसे जात एक गंजी भी है। वक्त आने पर कमीज़ उतार कर हम डालर,लक्स,ऑन,वीआईपी। दूसरी तस्वीर में परशुराम सेना में भर्ती का विज्ञापन है। आटो में लगा है। यह भी मेरे ही इलाके में दिखा था। तीसरी तस्वीर में वैदिक ब्राह्मण होने का दावा किया गया है। चौथी तस्वीर दिलचस्प है। जैन हींग गोलियों का ब्रांड तो देखा था लेकिन चमड़िया हींग गोली ब्रांड आप में से कुछ ही लोगों ने सुना होगा। वैसे आज कल कई सुपर स्टोर में यह ब्रांड दिख जाता है। दलित उद्यमियों ने अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी है। वो भी जैन की तरह अपने जाति नामों को ब्रांड में तब्दील कर रहे हैं। यह एक नया आत्मविश्वास है। कोशिश करूंगा कि चमड़िया हींग गोली ब्रांड के बनने की कथा का पता लगाऊं। ज़रूर दिलचस्प होगी। वैसे जब नज़र पड़ी तो दिल बाग बाग हो गया था। आप इन चारों तस्वीरों का मज़ा लीजिए।


 सौ मीटर के इलाके के भीतर इनकी तस्वीरें उतारी हैं मैंने।यह मार्केट फ्रैंडली जातिवाद है।

NOTE- अभी कई लोगों ने बताना शुरू कर दिया है कि चमड़िया का संबंध दलित से नहीं है। राजस्थान के मरवाड़ी लोग यह सरनेम लगाते हैं। पता करने में लगा हूं। बाद में यह लेख बदल दिया जाएगा। तब तक आप तस्वीरों को देखें।

2 comments:

  1. कृपया कमेंट से वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें.

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