अब तुम ही बताओ अन्ना ? अन्ना हजारे बताओ ये प्यारे तुम हो आदर्शवादी बाकि भ्रस्ट सारे असमानता से ज्यादा, भ्रस्टाचार ने सताया तभी अगुआ बनके, ये आन्दोलन चलाया लड़कियों की हत्या पर, न बोली जुबाँ ये सदियों से छुअछात पर न खोली जुबाँ ये बाल मजदूरी पर तुमने, न कोई मुहीम चलाई सर पर मैला ढोने पर भी, न तुमने आवाज़ उठाई यह कैसा आन्दोलन, यह कैसी लड़ाई महज पाखंडियो की है ,भीड़ जुटाई गरीबी से उपजते , भिकारीओं के वास्ते ढूंढे नहीं तुमने , नए कोई रास्ते अधिकारों से वंचित, जब होते रहे आदिवासी कभी नहीं कहा तुमने, यह भी हैं भारतवासी शिक्षा की असमानता पर, कभी नहीं बोले भ्रस्टाचार के मुद्दे पर, जितने हो अब उबले बाबरी मस्जिद विनाश पर, जब लोग रो रहे थे पुणे के मंदिर में तब, चैन की नीद सो रहे थे गाँधी की जन्म भूमि ( गुजरात ) में लोगों के जिन्दा जलने पर कियों चुप रहे थे ? तुम्हारी जन्म और कर्म भूमि ( महारास्ट्र ) में मराठी मानुष के नाम पर मासूम बे-कसूर जब पिट रहे थे तब अन्ना तुम कौन से बिल में छिप रहे थे ? गौंड-गवारी के शांति--पूर्ण आन्दोलन में जब सेकड़ों बे-कसूर आदिवासी मरे थे तब अन्ना तुम्हारे, गाँधीवादी सिद्धांत किस तिजोरी में, सुरक्षित धरे थे ढोंगी - पाखंडी रामदेव के समर्थन में गाँधी - समाधी राजघाट पर आ गए मंथन में क्योंकि वह 15000 करोड़ की संपत्ति का स्वामी है आर एस एस, बी जे पी, हिंद्दुत्व के विचारों का हामी है पिछले एक दशक से ,अस्पताल के बिस्तर पर न्याय की चाह में , बे-सुध पड़ी इरोम शर्मीला उसके दर्द से अब तक, तुम्हारा दिल ना पिघला अब तुम ही बताओ अन्ना असमानता और भ्रस्टाचार में कौन सा सबसे बड़ा मुद्दा है सदिओं - सदीओं से व्याप्त जात-पात या चंद भ्रष्ट लोगों की जमात मानवता और देश के लिए कौन बड़ा ख़तरा है ? अब तुम ही बताओ अन्ना ? ? अब तुम ही बताओ अन्ना ? ? ?......?..........?.........?...........?
बहुत खूबी से इस आंदोलन की तस्वीर दी है. शुक्रिया जय.
ReplyDeleteवाह! नया चेहरा।
ReplyDeleteअब तुम ही बताओ अन्ना ?
ReplyDeleteअन्ना हजारे बताओ ये प्यारे
तुम हो आदर्शवादी बाकि भ्रस्ट सारे
असमानता से ज्यादा, भ्रस्टाचार ने सताया
तभी अगुआ बनके, ये आन्दोलन चलाया
लड़कियों की हत्या पर, न बोली जुबाँ ये
सदियों से छुअछात पर न खोली जुबाँ ये
बाल मजदूरी पर तुमने, न कोई मुहीम चलाई
सर पर मैला ढोने पर भी, न तुमने आवाज़ उठाई
यह कैसा आन्दोलन, यह कैसी लड़ाई
महज पाखंडियो की है ,भीड़ जुटाई
गरीबी से उपजते , भिकारीओं के वास्ते
ढूंढे नहीं तुमने , नए कोई रास्ते
अधिकारों से वंचित, जब होते रहे आदिवासी
कभी नहीं कहा तुमने, यह भी हैं भारतवासी
शिक्षा की असमानता पर, कभी नहीं बोले
भ्रस्टाचार के मुद्दे पर, जितने हो अब उबले
बाबरी मस्जिद विनाश पर, जब लोग रो रहे थे
पुणे के मंदिर में तब, चैन की नीद सो रहे थे
गाँधी की जन्म भूमि ( गुजरात ) में
लोगों के जिन्दा जलने पर
कियों चुप रहे थे ?
तुम्हारी जन्म और कर्म भूमि ( महारास्ट्र ) में
मराठी मानुष के नाम पर
मासूम बे-कसूर जब पिट रहे थे
तब अन्ना तुम कौन से
बिल में छिप रहे थे ?
गौंड-गवारी के शांति--पूर्ण आन्दोलन में
जब सेकड़ों बे-कसूर आदिवासी मरे थे
तब अन्ना तुम्हारे, गाँधीवादी सिद्धांत
किस तिजोरी में, सुरक्षित धरे थे
ढोंगी - पाखंडी रामदेव के समर्थन में
गाँधी - समाधी राजघाट पर आ गए मंथन में
क्योंकि वह 15000 करोड़ की संपत्ति का स्वामी है
आर एस एस, बी जे पी, हिंद्दुत्व के विचारों का हामी है
पिछले एक दशक से ,अस्पताल के बिस्तर पर
न्याय की चाह में , बे-सुध पड़ी इरोम शर्मीला
उसके दर्द से अब तक, तुम्हारा दिल ना पिघला
अब तुम ही बताओ अन्ना
असमानता और भ्रस्टाचार में
कौन सा सबसे बड़ा मुद्दा है
सदिओं - सदीओं से व्याप्त जात-पात
या चंद भ्रष्ट लोगों की जमात
मानवता और देश के लिए
कौन बड़ा ख़तरा है ?
अब तुम ही बताओ अन्ना ? ?
अब तुम ही बताओ अन्ना ? ?
?......?..........?.........?...........?