साल 2010-2011 में दैनिक जागरण को पाठकों ने दिए 223 करोड़ रुपए और विज्ञापन देने वालों ने दिए 776 करोड़ रुपए। इसे इस तरह से देखिए- जागरण ने पाठकों को विज्ञापनदाताओं को बेचकर जितनी रकम कमाई, वह अखबार की बिक्री के तीन गुना से भी ज्यादा है। मीडिया अर्थशास्त्र में आपको अपनी औकात पता होनी चाहिए। झटके कम लगते हैं।
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