हिन्दू धर्म नाम का कोई धर्म ही नहीं
आज इस देश पर हिन्दू धर्म के नाम पर राज करने की कोशिश की हो रही है, फिर भी कोई भी पार्टी राज नहीं कर सकती, संशोधन हुवा तो पता चला है की हिन्दू धर्म नाम का कोई धर्म ही नहीं. हिन्दू (ही+न+दू=हिन्+दू) इस शब्द का पर्शियन भाषामे इसका अर्थ है काला, चोर, गुलाम. और शब्दशः अर्थ है हिन् घानेरडा, गलिच्छ. अगर किसी हिन्दू को पूछा आप हिन्दू हो, तो ओ... कहेगा हिन्दू, हिन्दू में कोण हो, तो उसको बताना पड़ता है की ओ किस वर्ण का है, दुबारा उसको पूछा तो उसको बताना पड़ता है की ओ किस जात का है, और आगे पूछ जाय तो उसको अपनी पोटजात बतानी पड़ती है, हो सकता है और आगे जाना पड़ेगा
डी. के खापर्डे साहब एक उदहारण देते थे की अगर किराणा दुकान में जाय तो आप को सब प्रकार का गेहू, ज्वारी, चावल, दाल, मसाला, गरम मसाला, तीखा मसाला ऐसे अलग अलग प्रकार का माल मिलेगा. लेकिन किराणा नाम की कोई चीज, वस्तु नहीं मिलेगी. मतलब नाम किराणा दुकान लेकिन किराणा वस्तु नहीं मिलेगी. वैसाही हिन्दू में है. नाम हिन्दू लेकिन कोई हिन्दू नहीं मिलेगा. मिलेंगे तो हजारो जाती के लोग मिलेंगे. लेकिन हिन्दू नहीं. आज का जो हिन्दू धर्म है, ओ हिन्दू धर्म नहीं ओ वैदिक धर्म, ब्राहमनी धर्म मतलब वर्नास्रम धर्म है. हिन्दू धर्म के नाम पर यहाँ के मूलनिवासी लोगो को बेवकूफ बनाने की कोशिश हो रही है, जल्दी ही इसका पुरे देश में चर्चा होगी, लोगो को पता चल जायेगा यहाँ कोई भी हिन्दू नहीं. जो है ओ ७५००० जाती, पोट जाती में बटाया हुवा, बटवारे किये हुए यहाँ के मूलनिवासी है, जो सिन्धु संस्कृति के नाग वंशीय लोग है, बाबासाहब ने कहा था भारत का इतिहास है की आर्य और नागो का संघर्ष का इतिहास है और नाग लोगोने बौद्ध धम्म का प्रचार और प्रसार ज्यादा किया था. वही कुछ गिने चुने नाग लोगोने पेशवाई का सत्यानाश किया, नष्ट किया. जिस दिन ये सब नाग वंशीय लोग सिधु संस्कृति के मालक सब इकठ्ठा आयेंगे तो ये देश दुबारा सोने की चिड़ियाँ बनेगा. पूरी दुनिया पर राज कर सकता है, दुबारा महासत्ता बन सकता हैइसलिए हिन्दू शब्द और धर्म का भंडाफोड़ करना जरुरी है. तो ही ये देश दुबारा सही रस्ते पर चल सकत है और भविष्य आगे सही हो सकता है
अरे भाई ! ये धर्म को जानने के लिए लोगों को क्यों देखते हो ...लोगों को हमेशा आधा अधुरा ज्ञान रहता है , धर्म को जानना हो तो लोगों को नही देखते ...धर्म को और उसके Scriptures को देखते हैं ..... मैं भी history honours का स्टूडेंट हूँ और जानता हूँ की मई भी हिन्दू नही हूँ लेकिन इसका मतलब ये नही की हिन्दू नाम का कोई धर्म है ही नही ...जो अपने को हिन्दू कहते हैं वो वास्तव में "सनातन धर्म" के हैं .... सिन्धु में रहने वाले लोगों को हिन्दू कहा गया क्योंकि फारसी में "स" शब्द नही होता , जब मुग़ल आये तो उन्होंने सिन्धु नदी के किनारे में रहने वाले लोगों के लिए हिन्दू शब्द प्रयोग किया , और यहाँ पर रहने वाले लोगों के लिए भी और इसी स्थान को हिन्दुस्थान बोल दिया गया ....और यहाँ के धर्म को हिन्दू धर्म बोल दिया गया ....वास्तव में हम सनातन धर्मी हैं ....लेकिन अब ये चीज़ इतनी फ़ैल गयी है की अब कोई इसे स्वीकार नही करता और न जानने को कोई तैयार है ....लेकिन ऐसा नही की हमारा कोई धर्म नही .......हम सनातन धर्म के हैं .....
ReplyDeleteYou right bhai ji
DeleteBhagwaan to dr ambedkar hai
DeleteDr ambedkar koi bhagwan nahi hai
DeleteSantan Dhram Bhuddhidm main Dhamma pad ka aas dhamo sanatano yahi sanatan dhram hai Sc St Obc Hum sab nagwash buddha k puravaj hai
DeleteYes, I am proud to be Hindu.
ReplyDeleteReason 1 : Hinduism – the Oldest wisdom
Hinduism is the oldest wisdom known to humanity. In a narrow sense, people say Hinduism is the oldest religion. But reality is that Hinduism existed when division of humans on basis of religion was non-existent.
Reason 2: Hinduism – Enlightened Way of Life
Vedas themselves assert that one should not be bookish in exploring truth. Even so-called books of Vedas are not to be trusted blindly. Vedas assert that the wisdom of Vedas is already embedded inside our thought process. And human life is an opportunity to extract that wisdom out through rational thinking, noble actions and positive emotions.Vedas – as books – are supposed to simply assist this process.
Reason 3: Hinduism – Honest Liberal Way of Life
I am not sure if one can be a Muslim if he outrightly rejects Quran, or one can be a Christian if he outrightly rejects Bible. But yes, one can be a Hindu even if he outrightly rejects the Vedas, so far he has done so with best of his intent and intellect.
Reason 4: Hinduism – Truly Global
Most religious books have a local flavor. For example Judaism, Christianity and Islam have texts that have a very strong Middle-East flavor. Stories, rituals, culture and practices that relate to Middle-East era of middle ages. And that adds a wonderful vintage beauty to these texts that any literature lover would admire.
Reason 5: Hinduism – Principles over Persons
A Christian cannot be Christian unless he believes in Jesus Christ. A Muslim cannot be Muslim if he refuses to believe Prophet Muhammad (pbuh) as last prophet. Regardless of whatever good that may be in texts of these religions, one must first believe in these pre-conditions – the special status of these people – to be eligible for anything else in these texts.
There is nothing to be proud ofbeing Hindu.'Hindudharm'is not a dharma
DeleteInfact it is Sanatan dharma.sanatan means that which is coming contine- uosly from its origine.there is no GOD unanimusously Accepted by every sct of so called hindus.there is neither a ingle religiuos book nor a
a similar way of worship.There are33 CrGods& Goddesses,creating ambiguity among followers.Devotees ofHinduism are Confused,misled by Pujaris of Gods.Hinduism is discremetary, a bunch of different thoughts.
In other religions,there is
single superpower,a single holy book & a common place of worship,non Of followers is prevented from entering into the place of worship which is inhuma act.In Hinduism there is not a single religiuos holybook accepted by different sects of Hindus.
In Islam if a muslim does notfollow
the rituals,it does not mean he is rejecting Islam.Similar situation is in other religions.Christianity's
followers are highest ine the world
Islam is second,budhism& Hinduism are allmost equal. Buddhism is followed by 52countrieslike china, tibbet,srilanka,japan,ucrain,Korea
Vietnam,myamar,mangoliya, bhutan etc.The reason is that it is simple
Based on equality,fraternity,simpli-
duty,humanity free from existence of
any super power.Hinduism is limited to India,Nepal,Maldew and other countries where peoples of India or indian orgine resided.
कोई मूर्ख ही होगा जो सिंधु को हिन्दू बोलेगा कोई अनपढ़ भी हिन्दू और सिंधु में अंदर जनता है चूतिया लोग ही राम को रमेश बोलेगा।
ReplyDeleteइस देश को लालची लोगों ने बर्बाद किया और करते जा रहा है।sc,st,obc हिन्दू नहीं है,वह भारत का मूल निवासी हैं। हिन्दू शब्द गाली है।
ReplyDeleteगाली है फिर भी हम कहते हम हिन्दु है डुब के मर जाओ
ReplyDeleteSanskrit me matlab hota hai hin bhawanao se dur rahna .
DeleteHamara bhasa sanskrit hai naki pharshi .
हम लालची/मतलबी धर्म के ठेकेदारों द्वारा क्रिस्चियन,मुस्लिम, बुद्धिस्ट और हिंदू ही बनाए जाते रहे है। लेकिन हमे इंसान कभी नहीं बनाया जाता। वास्तव में हमे इंसान बनना चाहिए, ताकि सबका धर्म इंसानियत हो। जिसमे सत्य, अहिंसा और करुणा जैसे विचारों का समावेश हो।
ReplyDeleteहहह
ReplyDeleteHum sab sanatan dharam ke log he
ReplyDeleteLekin sanatan balo ko hindu kaha gya he