Satyendra Murli (Satyendra Humanist)
अच्छा है कि यह बहस हो रही है. यह लंबे समय से पेंडिंग थी और पेंडिंग रहने से कोई भला नहीं हो रहा था. कुछ सवालों से सामने से टकराना होता है.अब बात यही से शुरू होती है...क्या अम्बेडकरवादियों की भावनाओं का कोई मूल्य नहीं...??? सत्येन्द्र मुरली, जयपुर के विभिन्न थानों में NCERT, HRD MINISTRY के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के लिए घूमता रहा, किन्तु कहीं कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई...क्यूंकि यह एक दलित की भावनाएं थी...अब गांधी समर्थकों की भावनायों को इतनी तबज्जो क्यूँ...??? दोनों कार्टूनों के लिए दो अलग पैमाने क्यूँ...??? क्या इस देश में दलित होना आज भी गुनाह है...??? संविधान में 19 A के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है...जिसका अनुशासनात्मक प्रयोग में भली-भांति जानता हूँ, किन्तु देश में अपनाए जा रहे दोहरे पैमानों की ओर आकर्षित करने की मेरी कोशिश भर है...चाहो तो जेल में डालो या गोली मार दो...अब सच की राह नहीं छोड़ सकता...जय बाबा साहेब...जय भारत-राष्ट्र !!
जयपुर। एनसीईआरटी की 11 वीं किताब में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के आपत्तिजनक कार्टून को हटाए कुछ ही दिन हुए हैं कि अब मशहूर सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आपत्तिजनक कार्टून अपलोड किए जाने की खबर से हंगामा खड़ा हो गया है।
युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता लोकेश शर्मा ने जयपुर पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी से शिकायत कर बताया कि सत्येन्द्र मुरली नाम के एक व्यक्ति के अकाउंट पर बापू के आपत्तिजनक कार्टून अपलोड किए गए हैं। उसके अकाउंट पर महात्मा गांधी को स्त्री भोगी करार दिया गया है।
कार्टून में बापू को स्त्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिखाया गया है। कार्टून पर लोगों से प्रतिक्रियाएं मांगी जा रही है। लोकेश शर्मा ने पुलिस कमिश्नर से मामले की जांच करवाने और कार्रवाई की मांग की है। सोनी ने मामले को गंभीर मानते हुए डीसीपी साउथ को मामले की जांच करने को कहा है।
नई दिल्ली। आए दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर कभी किताबों और कभी किसी प्रोडक्ट के जरिए अनर्गल बातों और आरोप लगाने वालों को देशद्रोह के जुर्म में जेल जाना पड़ सकता है।
केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाने जा रही है जिसके तहत राष्ट्रपिता की मानहानि करने को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा।
विधि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने विधि मंत्रालय को राष्ट्र सम्मान विधेयक 1971 के तहत संशोधन करने को कहा है जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध अपमानजनक बातों को देशद्रोह माना जाएगा। इस नए कानून के तहत वे सभी धाराएं और प्रावधान शामिल होंगे जो संव�धान और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर लागू होती है। केंद्र सरकार ने यह निर्णय हाल ही में आई विदेशी लेखक लेवेल्ड की किताब में महात्मा गांधी के विषय में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद लिया है। यदि राष्ट्रध्वज को जलाने, अपमानित करने पर जिस प्रकार तीन साल की सजा का प्रावधान है उसी प्रकार महात्मा गांधी की तस्वीरों और अनर्गल बातों पर भी सजा का प्रावधान होगा।
केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि महात्मा गांधी न सिर्फ देश के राष्ट्रपिता है बल्कि दुनियाभर में अपने त्याग और संघर्ष के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ की गई किसी भी अपमानजनक टिप्पणी पर कार्यवाही होनी चाहिए। गौरतलब है कि 2009 में सर्वोच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें गांधी के सम्मान को अनिवार्य करने की बात कही गई थी।
http://www.merikhabar.com/News/%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%B9_%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BE_N39767.html
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ab jarurat hai ki ham sab Babasahab ke marg par chalnewale ek jagah ho jaye aur inhe dikha de ki hum kya hai.
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