प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू का कहना है कि क्रिकेटरों और फिल्मी हस्तियों को भारत रत्न नहीं मिलना चाहिए.
जहां देश के करोड़ों लोग चाहते हैं कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और भारत रत्न हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिले वहीं न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ऐसा नहीं मानते हैं.
काटजू ने कहा कि खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों को भारत रत्न देना इस सम्मान का मजाक उड़ाना होगा और इससे इस पुरस्कार की गरिमा कम होगी क्योंकि इन लोगों का कोई सामाजिक सरोकार नहीं होता.
उन्होंने कहा, "लोग क्रिकेटर और फिल्म कलाकारों को भारत रत्न देने के बारे में बात कर रहे हैं. यह हमारे गिरे हुए सांस्कृतिक स्तर को दर्शाता है."
काटजू ने कहा, "हम असली नायकों को नजरअंदाज़ कर देते हैं और बनावटी लोगों की वाहवाही करते हैं. आज देश ऐसे चौराहे पर खड़ा जहां ऐसे लोगों की जरूरत है, जो देश को सही दिशा दे सकें. ऐसे ही लोगों को भारत रत्न दिया जाना चाहिए, भले ही वह आज हमारे बीच न हों."
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सरकार ने भारत रत्न देने से जुड़े नियमों में संशोधन की सिफारिश की गई है, जिसके बाद खेल समेत कई दूसरे क्षेत्र की हस्तियों को भारत रत्न देने का रास्ता साफ होता नज़र आ रहा है.
उम्मीद जाहिर की जा रही है कि जल्दी ही सचिन तेंदुलकर और मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न से नवाज़ा जा सकता है.
http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/136693/markandey-katju-bharat-ratna-cricketers-mockery-of-award.html
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