Sunday, December 4, 2011

दलित दूल्हे की हाथी पर निकासी नहीं होने दी

भिवानी रविवार को एक दलित दूल्हे की हाथी पर निकासी निकालने के मामले में दो समुदाय आमने-सामने हो गए। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद तनाव बढ़ता देख दूल्हे को वाहन में रवाना होना पड़ा। देवसर गांव में दलित समुदाय के रामकिशन के बेटे वीरभान की शादी रविवार को तोशाम क्षेत्र के गांव खरकड़ी में होनी थी। हाथी पर निकासी निकालने की बात पता चलने पर दबंग समुदाय के लोगों ने विरोध कर दिया। इसके बावजूद दूल्हे के परिजन हाथी गांव में ले आए। गांव में हाथी के पहुंचते ही तनाव बढ़ गया। सूचना मिलने पर गांव में पुलिस बल पहुंच गया। दूल्हे के परिजन हाथी पर निकासी के लिए अड़े तो गांव के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। इस दौरान मामूली झड़प भी हुई, लेकिन पुलिस ने बीच बचाव कर लोगों को खदेड़ दिया। आखिरकार पुलिस ने हाथी को युवक की ससुराल खरकड़ी गांव के लिए रवाना किया और दूल्हे को गाड़ी में बैठाकर भेजा। दूल्हे वीरभान का कहना था कि वह अपनी शादी में भिवानी से 20 हजार रुपये किराये पर हाथी निकासी के लिए लाया था, लेकिन गांव के कुछ दबंग लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। सदर थाना प्रभारी सुरेश शर्मा का कहना है कि गांव में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। बारात शादी समारोह से गांव में वापस लौट चुकी है। एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात किया हुआ है। अपने गांव में हाथी पर निकासी न निकालने देने के बाद दलित समुदाय के दूल्हे वीरभान की ससुराल खरकड़ी सोहान में घुड़चढ़ी के बजाय हाथी पर निकासी निकाली गई। वीरभान के चाचा रामोतार ने बताया कि उन्होंने अपने भतीजे की इच्छानुसार निकासी के लिए हाथी मंगवाया था लेकिन गांव के एक समुदाय के विरोध के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।
http://www.bhaskar.com/article/CHD-the-groom-said-the-2615689.html?HF-39=

2 comments:

  1. आखिर दूल्हा हाथी पर बैठा ही गया. शुरुआत हुई. वैसे जिनके लिए 'दबंग' शब्द प्रयोग किया गया है मीडिया उनके लिए 'गुंडा' शब्द का प्रयोग करता तो अपना दायित्व निभा सकता था.

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  2. बाबा साह्ब ने टीक हि कहा था, कि " मैने सविधान तो बना दिया है पर ये स्वर्ण नहि चाहेगे कि उसका पालन हो""
    GOOD ARTICLE

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