(02:47:34 AM) 22, Jun, 2010, Tuesday
रांची ! घर में कोई पुरुष नहीं होने की वजह से सास की अर्थी को कंधा देने वाली चार बहुओं पर पंचायत ने नौ-नौ हजार का जुर्माना लगाया है। इन मजबूर महिलाओं के पास पंचायत को जुर्माना देने के सिवा कोई चारा भी नहीं था।
झारखंड के पलामू जिले के गडेरियाडीह गांव की 78 वर्षीय पतिया कुंवर गुरुवार की रात गांव में हो रही एक शादी में शामिल होने के लिए घर से निकली थीं। वह रास्ते में एक गङ्ढे में गिर गईं, जिससे उनकी मौत हो गई। रात को वह जब घर नहीं लौटीं तो एक साथ रहने वाली तीन बहुओं ने सोचा कि वह चौथी बहू के पास चली गई होंगी, जो थोड़ी दूरी पर रहती हैं। शुवार को उनका शव गङ्ढे में पड़ा मिला और उससे बदबू आ रही थी।
पतिया कुंवर के चारों बेटे बाहर काम करते हैं। लिहाजा, घर पर कोई पुरुष नहीं होने की वजह से चारों बहुओं ने गांव वालों से अंतिम संस्कार करने की गुहार लगाई। शव से आ रही बदबू के चलते एक भी ग्रामीण इसके लिए तैयार नहीं हुआ। मजबूरी में चारों बहुओं-प्रभा, शारदा, निर्मला और मालती ने खुद ही सास की अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार किया। इससे पंचायत नाराज हो गई और गांव वालों को श्राध्द कर्म में शामिल न होने व चारों को जुर्माना देने का फरमान सुना दिया। चारों बहुओं को जुर्माना देकर ही राहत मिल पाई।http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/45589/2/1
रांची ! घर में कोई पुरुष नहीं होने की वजह से सास की अर्थी को कंधा देने वाली चार बहुओं पर पंचायत ने नौ-नौ हजार का जुर्माना लगाया है। इन मजबूर महिलाओं के पास पंचायत को जुर्माना देने के सिवा कोई चारा भी नहीं था।
झारखंड के पलामू जिले के गडेरियाडीह गांव की 78 वर्षीय पतिया कुंवर गुरुवार की रात गांव में हो रही एक शादी में शामिल होने के लिए घर से निकली थीं। वह रास्ते में एक गङ्ढे में गिर गईं, जिससे उनकी मौत हो गई। रात को वह जब घर नहीं लौटीं तो एक साथ रहने वाली तीन बहुओं ने सोचा कि वह चौथी बहू के पास चली गई होंगी, जो थोड़ी दूरी पर रहती हैं। शुवार को उनका शव गङ्ढे में पड़ा मिला और उससे बदबू आ रही थी।
पतिया कुंवर के चारों बेटे बाहर काम करते हैं। लिहाजा, घर पर कोई पुरुष नहीं होने की वजह से चारों बहुओं ने गांव वालों से अंतिम संस्कार करने की गुहार लगाई। शव से आ रही बदबू के चलते एक भी ग्रामीण इसके लिए तैयार नहीं हुआ। मजबूरी में चारों बहुओं-प्रभा, शारदा, निर्मला और मालती ने खुद ही सास की अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार किया। इससे पंचायत नाराज हो गई और गांव वालों को श्राध्द कर्म में शामिल न होने व चारों को जुर्माना देने का फरमान सुना दिया। चारों बहुओं को जुर्माना देकर ही राहत मिल पाई।http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/45589/2/1
jai hhooooooooo
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