चंडीगढ़।। खाप पंचायत के फैसले के तहत ऑनर किलिंग करने वाले हत्यारों को मौत की सजा देने वाली जज की जान खतरे में है। इस जज ने अपनी जान को खतरा होने की बात कहते हुए ट्रांसफर की मांग की है। जज करनाल के किसी कोर्ट में अब सेवाएं नहीं देना चाहती हैं और जिले से बाहर किसी कोर्ट में तबादला चाहती हैं। ट्रांसफर मामले पर सोमवार को फैसला हो सकता है।
यहां बता दें कि यह वही जज हैं जिन्होंने पिछले दिनों जाति आधारित खाप पंचायत के फैसले के तहत ऑनर किलिंग करने वाले पांच लोगों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। अडिशनल डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन्स जज वाणी गोपाल शर्मा ने बताया कि वह इस बारे में सेशन्स जज को बता चुकी हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में और अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया।
एक वरिष्ठ जुडिशल ऑफिसर ने बताया कि जज शर्मा पंचकूला तबादला चाहती हैं। पंचाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को इस बारे में बता दिया गया है। जज शर्मा ने मंगलवार (13 अप्रैल 2010) को कुरूक्षेत्र में खाप पंचायतों की महापंचायत के बाद उठाया है जिसमें संविधान पर सवालिया निशान उठाते हुए हिन्दू मैरेज एक्ट में संशोधन की बात कही गई थी।
मनोज और बबली नामक युवा विवाहित जोड़े को भीड़ भरी बस से उतार कर उनकी बर्बर हत्या कर दी गई थी। तीन साल पहले हुए इस हत्याकांड का फैसला सुनाते हुए जज ने कहा था, 'खाप पंचायतें अपने आप में कानून का पर्याय बन गई हैं। उन्होंने भारतीय संविधान का मजाक बना दिया है। खाप के ऐसे गैर कानूनी कामों को रोका जाना चाहिए।'
सूत्रों ने बताया कि जज शर्मा ने करनाल सेशन्स जज के जरिए जस्टिस मेहताब सिंह गिल को ऐप्लिकेशन भेज दी है। जस्टिस मेहताब सिंह गिल करनाल में सेशन्स कोर्ट के एडमिनिस्ट्रेटिव जज हैं। इस ऐप्लिकेशन पर फैसला 19 अप्रैल के बाद लिया जाएगा।http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/5824367.cms
यहां बता दें कि यह वही जज हैं जिन्होंने पिछले दिनों जाति आधारित खाप पंचायत के फैसले के तहत ऑनर किलिंग करने वाले पांच लोगों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। अडिशनल डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन्स जज वाणी गोपाल शर्मा ने बताया कि वह इस बारे में सेशन्स जज को बता चुकी हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में और अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया।
एक वरिष्ठ जुडिशल ऑफिसर ने बताया कि जज शर्मा पंचकूला तबादला चाहती हैं। पंचाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को इस बारे में बता दिया गया है। जज शर्मा ने मंगलवार (13 अप्रैल 2010) को कुरूक्षेत्र में खाप पंचायतों की महापंचायत के बाद उठाया है जिसमें संविधान पर सवालिया निशान उठाते हुए हिन्दू मैरेज एक्ट में संशोधन की बात कही गई थी।
मनोज और बबली नामक युवा विवाहित जोड़े को भीड़ भरी बस से उतार कर उनकी बर्बर हत्या कर दी गई थी। तीन साल पहले हुए इस हत्याकांड का फैसला सुनाते हुए जज ने कहा था, 'खाप पंचायतें अपने आप में कानून का पर्याय बन गई हैं। उन्होंने भारतीय संविधान का मजाक बना दिया है। खाप के ऐसे गैर कानूनी कामों को रोका जाना चाहिए।'
सूत्रों ने बताया कि जज शर्मा ने करनाल सेशन्स जज के जरिए जस्टिस मेहताब सिंह गिल को ऐप्लिकेशन भेज दी है। जस्टिस मेहताब सिंह गिल करनाल में सेशन्स कोर्ट के एडमिनिस्ट्रेटिव जज हैं। इस ऐप्लिकेशन पर फैसला 19 अप्रैल के बाद लिया जाएगा।http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/5824367.cms
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