7 Apr 2011, 1538 hrs IST,भाषा
तिरुवनंतपुरम।। केरल के तिरुवनंतपुरम में अनुसूचित जाति के एक वरिष्ठ अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद कुछ कर्मचारियों ने उनके कार्यालय के कक्ष और फर्नीचर पर कथित तौर पर गोमूत्र छिड़क कर कथित शुद्धिकरण किया।
ए के रामकृष्णन 31 मार्च को पंजीयन महानिरीक्षक (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन) के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने इस घटना की जांच की मांग करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग का रुख किया है।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पास इस बात की विश्वसनीय सूचना है कि कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने मेज, कुर्सी और यहां तक तक कार्यालय की कार के अंदर गोमूत्र छिड़का है।
रामकृष्णन ने कहा कि उनका मानना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से हैं और यह उनके मानवाधिकार एवं नागरिक स्वतंत्रताओं का उल्लंघन है। सूत्रों ने बताया कि याचिका के आधार पर एक मामला दर्ज करने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन दिनाकरन ने कर सचिव को नोटिस भेजकर इस बारे में सात मई तक जवाब मांगा है। इस घटना के बारे में पूछे जाने पर रामकृष्णन ने कहा कि वह इस मामले को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सामाजिक रूप से वंचित तबके का अपमान है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7899715.cms
तिरुवनंतपुरम।। केरल के तिरुवनंतपुरम में अनुसूचित जाति के एक वरिष्ठ अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद कुछ कर्मचारियों ने उनके कार्यालय के कक्ष और फर्नीचर पर कथित तौर पर गोमूत्र छिड़क कर कथित शुद्धिकरण किया।
ए के रामकृष्णन 31 मार्च को पंजीयन महानिरीक्षक (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन) के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने इस घटना की जांच की मांग करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग का रुख किया है।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पास इस बात की विश्वसनीय सूचना है कि कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने मेज, कुर्सी और यहां तक तक कार्यालय की कार के अंदर गोमूत्र छिड़का है।
रामकृष्णन ने कहा कि उनका मानना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से हैं और यह उनके मानवाधिकार एवं नागरिक स्वतंत्रताओं का उल्लंघन है। सूत्रों ने बताया कि याचिका के आधार पर एक मामला दर्ज करने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन दिनाकरन ने कर सचिव को नोटिस भेजकर इस बारे में सात मई तक जवाब मांगा है। इस घटना के बारे में पूछे जाने पर रामकृष्णन ने कहा कि वह इस मामले को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सामाजिक रूप से वंचित तबके का अपमान है।
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