Submitted by adminnew on Tue, 2013-10-22 18:29
समाचार4मीडिया ब्यूरो
देश की बहुचर्चित मैगजीन इंडिया टुडे (हिंदी) के संपादक दिलीप मंडल को टीवी टुडे ग्रुप ने बड़ा प्रमोशन दिया है। अभी तक इंडिया टुडे (हिंदी) में बतौर कार्यकारी संपादक काम कर रहे दिलीप मंडल अब इस पत्रिका के मैनेजिंग एडिटर बनाए गए है। बताया जाता है कि पहली बार इंडिया टुडे मैगजीन में यह पद किसी संपादक को दिया गया है। साथ ही वे समूह के ऑनलाइन वेंचर आजतक डॉट इन के साथ भी जुडे हुए हैं।
गौरतलब है कि देश में दस से अधिक प्रमुख मीडिया घरानों में लगभग दो दशक से अधिक समय से दिलीप मंडल जुड़े रहे हैं। वे वैकल्पिक मीडिया में लगातार प्रयोग करने के लिए भी जाने जाते हैं। वे कॉलेज के दिनों में ही छात्र और मजदूर आंदोलनों से जुड़े और झारखंड अलग राज्य आंदोलन में भी शरीक रहे।
उन्होंन पत्रकारिता का विधिवत प्रशिक्षण टाइम्स सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज से हासिल किया। दैनिक जागरण के दिल्ली संस्करण के साथ सांस्थानिक पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद जनसत्ता के कोलकाता संस्करण, इंडिया टुडे, दैनिक अमर उजाला और इंटर प्रेस सर्विस से जुड़कर प्रिंट की पत्रकारिता की। सम्पादन से लेकर चुनाव कवरेज और संसदीय रिपोर्टिंग तथा प्रिंट माध्यम में लगभग 10 साल का सफ़र तय किया।
टीवी न्यूज चैनल ‘आजतक’, ‘जी न्यूज’ और ‘स्टार न्यूज’(अब एबीपी न्यूज) में एसोसिएट प्रोड्यूसर, असिसटेंट एडिटर तथा सीनियर प्रोड्यूसर जैसे पदों पर रहे चुके हैं। देश के प्रमुख बिजनेस चैनल सीएनबीसी आवाज में एक्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर एवं टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के बिजनेस पोर्टल इकनॉमिक टाइम्स डॉट कॉम में सम्पादन रहने के दौरान उन्होंने कॉरपोरेट दुनिया और वेब मीडिया कारोबार को करीब से देखने का अनुभव हासिल किया है। मीडिया घरानों में काम करने के दौरान और उसके बाद भी विकास, विस्थापन, जनस्वास्थ्य, शिक्षा नीति और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर देश के प्रमुख समाचार पत्रों में उन्होंने निरन्तर लेखन किया है। दिलीप के प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में सैकड़ों सम्पादकीय आलेख प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने अनेक पुस्तकों के लिए अध्याय भी लिखे हैं। दिलीप मंडल की पहली स्वतंत्र पुस्तक ‘जातिवार जनगणना: संसद, समाज और मीडिया’ है। एक अन्य पुस्तक ‘जातिवार जनगणना की चुनौतियां’ के वे सह-सम्पादक भी हैं।
मीडिया की नई प्रवृत्तियों पर उनकी किताब ‘मीडिया का अंडरवर्ल्ड’ किताब राधाकृष्ण प्रकाशन ने प्रकाशित की थी। उनकी एक अन्य पुस्तक ‘कॉरपोरेट मीडिया: दलाल स्ट्रीट’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई।
दिलीप मंडल पत्रकारिता प्रशिक्षण से भी जुड़े रहे हैं। उन्हें ‘डायवर्सिटी मैन ऑफ द ईयर-2010’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें मीडिया लेखन के लिए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र प्रथम पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे 2013 में समाचार4मीडिया द्वारा आयोजित ‘मीडिया महारथी 2013’ अवार्ड से भी नवाजे गए हैं। http://samachar4media.com/Dilip-Mandal-became-managing-editor-of-india-today.html
देश की बहुचर्चित मैगजीन इंडिया टुडे (हिंदी) के संपादक दिलीप मंडल को टीवी टुडे ग्रुप ने बड़ा प्रमोशन दिया है। अभी तक इंडिया टुडे (हिंदी) में बतौर कार्यकारी संपादक काम कर रहे दिलीप मंडल अब इस पत्रिका के मैनेजिंग एडिटर बनाए गए है। बताया जाता है कि पहली बार इंडिया टुडे मैगजीन में यह पद किसी संपादक को दिया गया है। साथ ही वे समूह के ऑनलाइन वेंचर आजतक डॉट इन के साथ भी जुडे हुए हैं।
गौरतलब है कि देश में दस से अधिक प्रमुख मीडिया घरानों में लगभग दो दशक से अधिक समय से दिलीप मंडल जुड़े रहे हैं। वे वैकल्पिक मीडिया में लगातार प्रयोग करने के लिए भी जाने जाते हैं। वे कॉलेज के दिनों में ही छात्र और मजदूर आंदोलनों से जुड़े और झारखंड अलग राज्य आंदोलन में भी शरीक रहे।
उन्होंन पत्रकारिता का विधिवत प्रशिक्षण टाइम्स सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज से हासिल किया। दैनिक जागरण के दिल्ली संस्करण के साथ सांस्थानिक पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद जनसत्ता के कोलकाता संस्करण, इंडिया टुडे, दैनिक अमर उजाला और इंटर प्रेस सर्विस से जुड़कर प्रिंट की पत्रकारिता की। सम्पादन से लेकर चुनाव कवरेज और संसदीय रिपोर्टिंग तथा प्रिंट माध्यम में लगभग 10 साल का सफ़र तय किया।
टीवी न्यूज चैनल ‘आजतक’, ‘जी न्यूज’ और ‘स्टार न्यूज’(अब एबीपी न्यूज) में एसोसिएट प्रोड्यूसर, असिसटेंट एडिटर तथा सीनियर प्रोड्यूसर जैसे पदों पर रहे चुके हैं। देश के प्रमुख बिजनेस चैनल सीएनबीसी आवाज में एक्जिक्यूटिव प्रोड्यूसर एवं टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के बिजनेस पोर्टल इकनॉमिक टाइम्स डॉट कॉम में सम्पादन रहने के दौरान उन्होंने कॉरपोरेट दुनिया और वेब मीडिया कारोबार को करीब से देखने का अनुभव हासिल किया है। मीडिया घरानों में काम करने के दौरान और उसके बाद भी विकास, विस्थापन, जनस्वास्थ्य, शिक्षा नीति और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर देश के प्रमुख समाचार पत्रों में उन्होंने निरन्तर लेखन किया है। दिलीप के प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में सैकड़ों सम्पादकीय आलेख प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने अनेक पुस्तकों के लिए अध्याय भी लिखे हैं। दिलीप मंडल की पहली स्वतंत्र पुस्तक ‘जातिवार जनगणना: संसद, समाज और मीडिया’ है। एक अन्य पुस्तक ‘जातिवार जनगणना की चुनौतियां’ के वे सह-सम्पादक भी हैं।
मीडिया की नई प्रवृत्तियों पर उनकी किताब ‘मीडिया का अंडरवर्ल्ड’ किताब राधाकृष्ण प्रकाशन ने प्रकाशित की थी। उनकी एक अन्य पुस्तक ‘कॉरपोरेट मीडिया: दलाल स्ट्रीट’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई।
दिलीप मंडल पत्रकारिता प्रशिक्षण से भी जुड़े रहे हैं। उन्हें ‘डायवर्सिटी मैन ऑफ द ईयर-2010’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें मीडिया लेखन के लिए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र प्रथम पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे 2013 में समाचार4मीडिया द्वारा आयोजित ‘मीडिया महारथी 2013’ अवार्ड से भी नवाजे गए हैं। http://samachar4media.com/Dilip-Mandal-became-managing-editor-of-india-today.html
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