tag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post5445343175974313482..comments2024-03-28T04:46:10.073-07:00Comments on कड़वी बाते , लेकिन सच्ची बाते : रामायण संविधान विरोधी ग्रंथ, उसे जब्त किया जाए…Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/04622328312114544967noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-29807269317851936112023-12-05T00:28:22.351-08:002023-12-05T00:28:22.351-08:00Ramcharitmans ko van karne ke bare me sochna v mat...Ramcharitmans ko van karne ke bare me sochna v mat samvidhan abhi aaya hai jise 100 year v nhi huye <br />Tumhare poorwaz to kuch kar na sake lede ke 1 samvidhan likh diya jisme v 299 log or samail the akele wo v na kiya hua<br />Apne andar ki kami ko serch karo doosron me mat dhoondho<br />" Bura jo dekhan me chala bura ma milya koye<br />Jo man khoja aapne so mujhsa bura na koye"<br />Jai shree ramAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-56716192102175311102017-03-10T00:08:16.914-08:002017-03-10T00:08:16.914-08:00वेदों को ग्रहण कर पाना इस सदी का भूतपूर्व सभी सद...वेदों को ग्रहण कर पाना इस सदी का भूतपूर्व सभी सदियों से सबसे बड़ा सौभाग्य है।<br />रोबर्ट ओपेन हैमेर गीता , महाभारत, वेदों तथा उपनिषदों के बड़े प्रशंसक थे <br /><br />आधुनिक परमाणु विज्ञानी रोबर्ट ओपेन हैमेर ने अपने सफल परमाणु प्रयोग से उत्पन्न महाउर्जा को व्यक्त करने के लिए भगवद गीता का उपरोक्त वाक्य उद्धृत किया ।<br /><br />जब मैंने भगवद गीता पढ़ी तब मुझे ईश्वर द्वारा इस स्रष्टि की रचना करने का ओचित्य स्पष्ट हुआ । Albert Einstein<br />मैं भगवत गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह पहला ग्रन्थ है जिसे पढ़कर मुझे लगा की किसी विराट शक्ति से हमारा संवाद हो रहा है। Ralph Waldo Emerson, Philosopher<br />विश्व भर में ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो उपनिषदों जितना उपकारी और उद्दत हो। यही मेरे जीवन को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु में भी शांति देगा।Arthur Schopenhauer, German Philosopher <br />प्रातः काल मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व और ब्रह्माण्डव्यापी गीता के तत्वज्ञान से स्नान करता हूँ, जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जान पड़ता है।<br /><br /><br />जब कभी में वेदों के किसी भाग का अध्ययन करता हु तो मुझे ऐसा महसूस होता है मानो किसी पारलोकिक प्रकाश ने मुझे प्रबुद्ध कर दिया हो । वेदों के महान शिक्षण में सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं है<br />यह विभिन्न उम्र, जलवायु, और देशों के लिए महान ज्ञान का उपयुक्त मार्ग है । Henry David Thoreau, American Philosopher<br />विश्व के विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष अध्ययन करने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक, दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं। इसमें कोई भूल न करे की बिना हिंदुत्व के भारत का कोई भविष्य नहीं है। हिंदुत्व ऐसी भूमि है जिसमे भारत की जड़े गहरे तक पहुंची है, उन्हें यदि उखाड़ा गया तो यह महावृक्ष निश्चय ही अपनी भूमि से उखड जायेगा। हिन्दू ही यदि हिंदुत्व की रक्षा नही करेंगे, तो कौन करेगा? अगर भारत के सपूत हिंदुत्व में विश्वास नहीं करेंगे तो कौन उनकी रक्षा करेगा? भारत ही भारत की रक्षा करेगा। भारत और हिंदुत्व एक ही है। एनी बेसेंट<br /><br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-31228991746890043722014-01-28T02:34:37.521-08:002014-01-28T02:34:37.521-08:00kyu teri pol khul rhi isliyekyu teri pol khul rhi isliyeAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-1925068267270716182014-01-28T02:33:59.376-08:002014-01-28T02:33:59.376-08:00yaar ye sab jankari aapko milti kahan se hai.........yaar ye sab jankari aapko milti kahan se hai..........................Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-56413603545800383452013-07-01T08:59:11.811-07:002013-07-01T08:59:11.811-07:00abe katuye saale katuo ki koi post aajtak share ky...abe katuye saale katuo ki koi post aajtak share kyu nahi ki.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01915621928441196892noreply@blogger.com