tag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post54359743374867931..comments2024-03-28T04:46:10.073-07:00Comments on कड़वी बाते , लेकिन सच्ची बाते : Lord Buddha was the incarnation of Vishnu ???????????Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/04622328312114544967noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-3155393260755873712017-03-23T10:33:46.194-07:002017-03-23T10:33:46.194-07:00राम जातक के आरंभ में भगवान बुद्ध अपने शिष्यों से क...राम जातक के आरंभ में भगवान बुद्ध अपने शिष्यों से कहते हैं कि बाराह कल्प में ब्रह्म युगल पृथ्वी पर आये। उन दोनों ने धरती की मधुर और सुगंधित माटी इतनी अधिक मात्रा में खा ली कि उनका शरीर भारी हो गया और वे उड़कर पुन: स्वर्ग नहीं जा सके। वे दक्षिण समुद्र तट पर घर बनाकर रहने लगे। उन्होंने एक सौ एक संतानों को जन्म दिया। इसी क्रम में इंद्रप्रस्थ नगर अस्तित्व में आया। राम जातक में सीता का अपहरण विवाह के बाद रास्ते में हो जाता है। अपहरण के संदर्भ में स्वर्ण मृग का प्रसंग है, किंतु शूपंणखा की चर्चा नहीं हुई है। कैकेयी, भरत, शत्रुघ्न आदि की अनुपस्थिति के कारण वनवास का भी उल्लेख नहीं हुआ है। राम जातक के द्वितीय खंड में सीता-हरण से उनके निर्वासन और पुनर्मिलन की सारी घटनाओं का वर्णन हुआ है, किंतु सब कुछ लाओस की शैली में हुआ है। अन्य जातक कथाओं की तरह इसके अंत में भी बुद्ध कहते हैं कि पूर्व जन्म में वे ही राम थे, यशोधरा सीता थी और देवदत्त रावण था।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-28738113588720120712017-03-07T00:34:35.048-08:002017-03-07T00:34:35.048-08:00अक्सर हम सुनते है बोद्धो ओर सनातनियो से की शंकराचा...अक्सर हम सुनते है बोद्धो ओर सनातनियो से की शंकराचार्य जी ने भारत से बोद्ध धम्म को खत्म किया | कुछ लोग इसे शास्त्रार्थ द्वारा बताते है ,लेकिन माधव शंकर दिग्विजय में राजा सुधन्वा आदि की सेना द्वारा उनका संहार करने का वर्णन है .. क्या शंकराचार्य जी की वजह से बोद्ध धम्म का नाश हुआ ..क्या शंकराचार्य जी ने हत्याये करवाई इस विषय में हम अपने विचार न रखते हुए एक महान बोद्ध पंडित राहुल सांस्कृत्यन जी की पुस्तक बुद्ध चर्या के प्रथम संस्करण १९३० की जिसका प्रकाशन गौतम बुक सेंटर दिल्ली से हुआ के अध्याय भारत में बोद्ध धम्म का उथान और पतन ,पेज न १०-११ से उधृत करते है – इसमें बोद्धो के पतन का कारण तुर्की आक्रमण कारी ओर उनका तंत्रवाद को प्रबल प्रमाणों द्वारा सिद्ध करते हुए शंकराचार्य विषय में निम्न पक्ष रखते है <br />एक ओर कहा जाता है ,शंकर ने बोद्धो को भारत से मार कर भगाया और दूसरी ओर हम उनके बाद गौड़ देश में पालवंशीय बोद्ध नरेशो का प्रचंड प्रताप फैला देखते है ,तथा उसी समय उदन्तपूरी और विक्रमशीला जेसे बोद्ध विश्वविद्यालयों को स्थापित देखते है |<br />शंकर द्वारा बोद्ध का निर्वसन एक कल्पना मात्र है | खुद शंकर की जन्मभूमि केरल से बोद्धो का प्रसिद्ध तन्त्र मन्त्र ग्रन्थ ” मंजूष मूलकल्प संस्कृत में मिला है ,जिसे वही त्रिवेन्द्रम से स्व महामहोपाध्याय गणपतिशास्त्री जी ने प्रकाशित कराया था | क्या इस ग्रन्थ की प्राप्ति यह नही बतलाती कि ,सारे भारत से बोद्धो का निकलना तो अलग केरल से भी वह बहुत पीछे लुप्त हुए है | ऐसी बहुत सी घटनाओं ओर प्रमाण पेश किये जा सकते है जिससे इस बात का खंडन हो जाता है | राहुल जी की इस बात से न्व्बोद्धो ओर कुछ सनातनियो की इस बात का खंडन हो जाता है कि शंकराचार्य जी ने भारत से बोद्ध धम्म को नष्ट किया ..माधव दिग्विजय एक दंत कथा मात्र है | बोद्ध धम्म भारत से बोद्धो के अंधविश्वास ओर तुर्क आक्रमण कारियों के कारण नष्ट हुआ<br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8385413891488081512.post-3582605318332551302011-05-17T17:49:57.957-07:002011-05-17T17:49:57.957-07:00NICE ARTICLENICE ARTICLEAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05258764698389290884noreply@blogger.com